उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि कोई भी सरकारी या निजी अस्पताल किसी भी COVID-19 रोगियों को बेड उपलब्ध होने पर प्रवेश देने से इनकार न करे। इसके साथ ही योगी सरकार ने कहा कि अगर सरकारी अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नहीं है, तो मरीज को एक निजी अस्पताल भेजा जाना चाहिए।
राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि यदि सरकारी अस्पताल में बेड नहीं हैं और प्राइवेट अस्पताल में रोगी इलाज का खर्च नहीं उठा ता रहा है तो आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमोदित दरों से प्रदेश सरकार उसके इलाज का सारा खर्च वहन करेगी।
कल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में "ऑक्सीजन आपातकाल" है और आदित्यनाथ को स्थिति की गंभीरता को पहचानना चाहिए। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "मुख्यमंत्री, पूरे उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपात स्थिति है। आपको मुझ पर मामला गौर करना होगा। भगवान की खातिर स्थिति की गंभीरता को पहचानें और लोगों के जीवन को बचाने के लिए तुरंत काम शुरू करें।
इसके बाद सीएम की शनिवार को उनकी टिप्पणी आई, उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार विभिन्न संस्थानों के साथ मिलकर जीवन रक्षक गैस का ऑडिट करेगी। उन्होंने कहा, "किसी भी कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, चाहे वह निजी हो या सरकारी। समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी है, जिससे कड़ाई से निपटा लाएगा। हम लखनऊ और आईआईटी बीएचयू में मेडिकल ऑक्सीजन की उचित निगरानी के लिए आईआईटी कानपुर, आईआईएम के साथ मिलकर ऑक्सीजन ऑडिट कराने जा रहे हैं। ऑक्सीजन की मांग, आपूर्ति और वितरण की लाइव ट्रैकिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी।
सीएम ने यह भी बताया कि एक मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के लिए एक करोड़ वैक्सीन खुराक का ऑर्डर दिया गया है। आदित्यनाथ ने ट्विटर पर कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के लिए COVID टीकों की 1 करोड़ खुराक के लिए एक आदेश दिया है।"
उन्होंने कहा, "स्वदेशी वैक्सीन निर्माताओं के लिए 50-50 लाख खुराक का ऑर्डर दिया गया है। इसके अलावा, खुराक भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में एक व्यापक कार्य योजना तैयार की जा रही है।"