आईफोन (iPhone) बनाने वाली दिग्गज कंपनी एप्पल (Apple) को यूरोपीय यूनियन ने तगड़ा झटका दिया है. यूरोपीय यूनियन के देशों और लॉमेकर्स में मंगलवार को इस बात पर सहमति बनी है कि मोबाइल फोन, टैबलेट्स और कैमरे का मोबाइल चार्जिंग पोर्ट एक ही होगा. यह दुनिया में पहली बार है कि कंपनी अपने डिवाइस में कौन सा चार्जिंग पोर्ट लगाए, आधिकारिक आदेश से तय होगा. यूरोपीय यूनियन के इस फैसले से एप्पल को 2024 से जो भी आईफोन यूरोप में बेचना होगा, उसके कनेक्टर में बदलाव करना होगा. यूरोपीय आयोग का मानना है कि इससे उपभोक्ताओं की जिंदगी आसान होगी और उनके पैसे बचेंगे.
Apple के लिए क्यों है तगड़ा झटका
आईफोन की चार्जिंग लाइटनिंग केबल से होती है जबकि एंड्रॉयड पर आधारित डिवाइस यूएसबी-सी कनेक्टर्स से होती है. 2019 की आयोग की एक स्टडी के मुताबिक वर्ष 2018 में मोबाइल फोन के साथ बेचे गए आधे चार्जर यूएसबी माइक्रो-बी कनेक्टर थे, जबकि 29 फीसदी यूएसबी-सी कनेक्टर और 21 फीसदी लाइटनिंग कनेक्टर थे.
क्यों पड़ी राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत
यूरोपीय संघ एक दशक से भी लंबे समय से सिंगल मोबाइल चार्जिंग मोबाइल पोर्ट की वकालत करता आ रहा है. हालांकि कंपनियां इसे लेकर कोई समाधान नहीं पेश कर सकी और नतीजतन इस मसले में राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत पड़ी. इस मसले ने तब जोर पकड़ा, जब कई आईफोन और एंड्रॉयड यूजर्स ने इस बात की शिकायत की कि उन्हें अपने डिवाइस के लिए कई चार्जर का इस्तेमाल करना पड़ता है. अब यूरोपीय यूनियन में वर्ष 2024 से बिकने वाले सभी मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरे में यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट होगा. ईयू के इंडस्ट्री चीफ थिएरी ब्रेटन ने कहा कि इस फैसले (सिंगल चार्जिंग पोर्ट) से उपभोक्ताओं के करीब 25 करोड़ यूरो (2076.46 करोड़ रुपये बचेंगे)
एप्पल की आपत्ति पर ईयू का क्या है जवाब
आईफोन बनाने वाली दिग्गज कंपनी ने सिंगल चार्जिंग पोर्ट को लेकर कहा था कि इस प्रस्ताव से नई खोज पर नकारात्मक असर पड़ेगा और इलेक्ट्रॉनिक कचरा में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी. हालांकि अब जब यूरोपीय यूनियन ने इसे लेकर फैसला कर लिया है तो अभी तक एप्पल का इस पर कोई जवाब नहीं आया है. वहीं ईयू के इंडस्ट्री चीफ के मुताबिक इससे नई तकनीक को बढ़ावा मिलेगा जैसे कि वायरलेस चार्जिंग और उपभोक्ताओं के लिए असुविधाजनक व मार्केट को तोड़ने वाली नई खोज हतोत्साहित होगी.
लैपटॉप भी फैसले की जद में
लॉमेकर Alex Agius Saliba ने खुशी जताई है कि लैपटॉप, ई-रीडर्स, इयरबड्स, कीबोर्ड्स, कंप्यूटर्स माउस और पोर्टेबल नेविगेशन डिवाइस को भी इस फैसले में शामिल किया गया है. इस कानून के प्रभावी होने के 40 महीने के भीतर लैपटॉप को भी इसका पालन करना होगा. यूरोपीय संघ के एग्जेक्यूटिव के पास भविष्य में वायरलेस चार्जिंग सिस्टम्स को लाने की शक्ति होगी.
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