भारत सरकार के खिलाफ वॉट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में केस फाइल किया था जिसमें नए आईटी नियमों को रोकने के की मांग की गई थी. वॉट्सऐप ने कहा था कि, नए नियमों को के कारण यूजर्स का प्राइवेसी टू राइट कमजोर हो जाएगा. सरकार ने 25 फरवरी 2021 को भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की तरफ से डिजिटल कंटेंट को रेग्यूलेट करने के लिए 3 महीने के भीतर कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारी आदि को नियुक्त करने के निर्देश दिए थे.
अब Whatsapp की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर केंद्र सरकार ने कहा है कि निजता जैसे मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. ऐसे में आज हम आपको 10 पाइंट्स में वो सबकुछ बताने जा रहे हैं जो सरकार ने वॉट्सऐप को लेकर कहा है.
1. सरकार ने कहा कि नए आईटी नियम अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि वैश्विक प्राथमिकता है. ” जुलाई 2019 में यूके की सरकार, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा ने कहा था कि, टेक कंपनियों को अपने एनक्रिप्टेड प्रोडक्ट को इस तरह से डिजाइन करना होगा जिससे सरकारें उचित कानूनी कार्रवाई कर सकें और डेटा को रीडेबल और यूजेबल फॉर्मेट में प्राप्त कर सके. वहीं ब्रॉजील का लॉ एनफॉर्समेंट वॉट्सऐप से आईपी एड्रेस, यूजर्स की जानकारी, लोकेशन और मैसेज की जानकारी लेता है. ऐसे में इन सबके मुकाबले भारत सरकार ने वॉट्सऐप से कुछ भी नहीं मांगा है.
2. नए नियमों को लेकर सरकार की तरफ से कहा गया कि ऐसी जरूरत केवल तभी होती है जब किसी मैसेज में sexually explicit content जैसे गंभीर अपराधों की रोकथाम या सजा के लिए जांच की आवश्यकता होती है. ऐसे में मैसेज की मदद से सरकार उन लोगों को सजा दे पाएगी जो राज्य की सिक्योरिटी, पब्लिक ऑर्डर और दूसरी चीजों से खिलवाड़ करते हैं.
3. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को जारी बयान में कहा है कि केंद्र सरकार अपने नागरिकों की निजता के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है.
4. वॉट्सऐप ने अपनी सफाई में कहा कि, उसे प्लेटफॉर्म पर मैसेज एंड टू एंड एनक्रिप्टेड हैं और नए आईटी नियम आने से वॉट्सऐप का एनक्रिप्शन टूट जाएगा. हालांकि सरकार ने कहा है कि यहां वॉट्सऐप की जिम्मेदारी बनती है कि इसके बाद वो कौन से टेक्निकल सॉल्यूशन लेकर आता है.
5. केंद्र सरकार ने साफ किया कि, वॉट्सऐप को किसी विशेष मैसेज के मूल (ओरिजिन) का खुलासा करने की जरूरत नहीं है, सिवाए ऐसे में मामले में जब ऐसा संदेश भारतीय राज्य की संप्रभुता और गरिमा से संबंघित एक ही गंभीर अपराध की सजा रोकथान/ जांच के लिए जरूरी हो.
6. सरकार ने इस बात को हाईलाइट कर कहा कि, वॉट्सऐप यहां प्राइवेसी पॉलिसी को अनिवॉर्य करना चाहता है तो वहीं वो अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक के साथ भी डेटा शेयर करना चाहता है. और ये सबकुछ वो विज्ञापन के लिए करना चाहता है. दूसरी ओर, वॉट्सऐप मध्यस्थ दिशानिर्देशों को लागू करने से इनकार करने का हर संभव प्रयास करता है, जो कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और फर्जी खबरों के खतरे को रोकने के लिए आवश्यक हैं.”
7. नया आईटी नियम सिर्फ वॉट्सऐप के लिए नहीं है बल्कि ये हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए है जिनके 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं. वहीं जानकारी के लिए पहले ओरिजिनेटर को ट्रेस करना हर सोशल मीडिया के लिए बहुत जरूरी है. भारत सरकार अपने नागरिकों के निजता के अधिकार की रक्षा करना चाहती है और अब वॉट्सऐप को तय करना है कि कैसे एनक्रिप्शन करें. एक सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते वॉट्सऐप अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है.
8. सरकार ने कहा कि, किसी भी प्रकार की कोई शरारत पूर्ण हरकत की हो जिसके चलते अपराध हुआ है तो उसे ढूंढ निकलना और सजा देना जरूरी होता है. हम इस बात को नकार नहीं सकते कि मॉब लिंचिंग और दंगे भड़के क्योंकि वॉट्सऐप संदेश बहुत तेजी से फैले. व्हाट्सऐप ने तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए और समय मांगा है लेकिन संदेश शुरू करने वाले के बारे में पता करने का कोई औपचारिक जवाब नहीं दिया.
9. सरकार ने कहा कि, भारत में चलाया जा रहा कोई भी ऑपरेशन देश के कानून के अधीन है. वॉट्सऐप के दिशानिर्देशों का पालन करने से इनकार करना एक उपाय की अवहेलना का एक स्पष्ट कार्य है, जिसके इरादे पर निश्चित रूप से संदेह नहीं किया जा सकता है.
10. भारत सरकार अपने नागरिकों के निजता के अधिकार की रक्षा करना चाहती है और अब वॉट्सऐप को तय करना है कि कैसे एनक्रिप्शन करें. एक सोशल मीडिया कंपनी होने के नाते वॉट्सऐप अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है.
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